आज फिर कामवाली बाई सुमित्रा की एक आँख ओर गाल सुजे हुये थे | क्या हुया पुछने पर बहुत सफाई से झूठ बोली की दीदी जी गिर गई थी | सुमित्रा के पडोस मे रहेने वाली बाई ने मुझे बताया था की शराब के नशे मे सुमित्रा का पति उस को बहुत पीटता है पर वाह री भारतीये नारी न उफ़ न शिकायत |
पूरे महीने घर घर जाकर बरतन झाडू करने के बाद मिले पैसो को यह पति नामक राक्षस छीन कर ले जाता है। बच्चो का पेट भरने को फिर वो उधार मांग कर गुजार करती है| बच्चो के साथ साथ पति नामक राक्षस को भी उसे ही पालना है
कैसी विडांबना है |
पूरे महीने घर घर जाकर बरतन झाडू करने के बाद मिले पैसो को यह पति नामक राक्षस छीन कर ले जाता है। बच्चो का पेट भरने को फिर वो उधार मांग कर गुजार करती है| बच्चो के साथ साथ पति नामक राक्षस को भी उसे ही पालना है
कैसी विडांबना है |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें