इस मुस्कुराहट के लिए तुम्हारा शुक्रिया
तुम्हारी हर बात के लिए तुम्हारा शुक्रिया
किनारे पर लाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया
हर दर्द भुलाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया
माफ भी कर देने के लिए तुम्हारा शुक्रिया
मेरी जिंदगी बनाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया
Ye hi zindagi hai
इंसान का किरदार भी अजीब है जब जो उसके पास होता है वह उसे नहीं चाहिए होता जो उसकी जिंदगी से जा चुका होता है वही वह बार-बार मांगते हैं फुर्सत के पलों में बैठ के बीता हुआ कल बहुत याद आता है तमाम वह छोटी छोटी बातें जो जो तुमने मुझसे की थी वह वादे वह कसमें और भी बहुत जो एक फिल्म की तरह चलता जाता है
इस मुस्कुराहट के लिए तुम्हारा शुक्रिया तुम्हारी हर बात के लिए तुम्हारा शुक्रिया किनारे पर लाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया हर दर्द भुलाने के...